इण्डोनेशिया के बाली शहर में इण्डो-बाली कल्चरल फेस्टीवल के अन्तर्गत ‘‘अन्तर्राष्ट्रीय डान्स काॅम्पीटीशन एण्ड फेस्टीवल-2018’’ का आयोजन किया गया। उपरोक्त डान्स काॅम्पीटीशन एण्ड फेस्टीवल दिनांक 12 से 17 नवम्बर 2018 तक किया गया। काॅम्पीटीशन में कला आश्रम काॅलेज ऑफ़ परफोर्मिंग आर्ट्स , उदयपुर के विद्यार्थियों ने भाग लेकर विश्व में भारत का परचम लहराया। परम्परागत भारतीय कत्थक डान्स में कला आश्रम की प्राचार्या डाॅ. सरोज शर्मा के निर्देशन में विद्यार्थियों ने उत्कृष्ट प्रस्तुतियां दी एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम में भारत सहित अनेक देशों के प्रतिभागियों ने भी भाग लिया, जिसमें कला आश्रम अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उदयपुर से पहली संस्था रही एवं कला आश्रम फाउण्डेशन के मुख्य प्रबन्धक न्यासी डाॅ. दिनेश खत्री के निर्देशन एवं सानिध्य में टीम ने बाली में सफलता का परचम लहराया। सभी प्रतिभागियों की उत्कृष्ट प्रस्तुति के आधार पर नृत्य गुरू डाॅ. सरोज शर्मा को विशिष्ट गुरू सम्मान से सम्मानित किया गया।

इण्डो-बाली फेस्टीवल 2018 में कला आश्रम की शुद्ध कत्थक नृत्य में हृदया खत्री ने प्रथम, माॅर्डन डान्स जूनियर में मधुरम खत्री ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। इसी क्रम में श्रेया शर्मा, सीमा चैहान, श्रेया चैबीसा, निधि भार्गव, श्रेया भारद्वाज, धुन भूत, मान्या हाडा, मितुला पाण्डे, प्रियंका बजाज, शिल्पा नाहर, उन्नती नाहर एवं आशना कटारिया सहित कुल 14 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें से कला आश्रम काॅलेज ऑफ़ परफोर्मिंग आर्ट्स के विद्यार्थियों ने क्रमशः प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
शास्त्रीय नृत्य कत्थक बेले की समूह प्रस्तुति मितुला पाण्डे, प्रियंका बजाज, श्रेया चैबीसा, धून भूत, मान्या हाडा व सीमा चैहान द्वारा दी गई और प्रथम स्थान पर रही। इसी क्रम में शिल्पा नाहर की एकल नृत्य प्रस्तुति बहुत अधिक सराहनीय रही और इन्हें भी प्रथम पुरूस्कार से नवाजा गया।

हृदया खत्री की एकल शुद्ध कत्थक नृत्य की प्रस्तुति शिव आराधना के साथ शुरू हुई और अलग-अलग कड़ी और लय के स्वरूप ने समा बांध दिया और श्रेष्ठ कलाकार के रूप में प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया। कोटा से शामिल हुई नन्हीं कलाकार श्रेया शर्मा ने भी अपनी झोली में नृत्य प्रस्तुति में श्रेष्ठ स्थान प्राप्त किया। श्रेया भारद्वाज, उन्नति नाहर, मधुरम खत्री, आशना कटारिया और निधि भार्गव ने भी क्रमशः सेमीक्लासीकल व माॅर्डन नृत्य श्रेणी में द्वितीय स्थान प्राप्त किया। कला आश्रम के विद्यार्थियों ने बाली में भारत का नाम रोशन किया व उदयपुर का गौरव बढ़ाया।