कला आश्रम काॅलेज ऑफ़ परफोर्मिंस आर्ट्स, उदयपुर द्वारा दिनांक 27 जुलाई 2019 को सायं 6.00 बजे से सुखाड़िया रंगमंच, टाउनहाॅल, उदयपुर में भारतीय शास्त्रीय नृत्य एवं संगीत पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम “नाद गुंजन-2019” एवं “गुरू सम्मान समारोह” का आयोजन बड़ी धूमधाम के साथ किया गया।

समारोह में मुख्य अतिथि श्री चन्द्र सिंह जी कोठारी (माननीय महापौर, नगर निगम, उदयपुर), विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. गायत्री जी तिवारी (विभागाध्यक्ष, मानव विकास विभाग, गृह विज्ञान महाविद्यालय, उदयपुर) एवं प्रो. राजेश्वरी जी नरेन्द्रन (विभागाध्यक्ष, व्यावसायिक व्यवस्थापन विभाग, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर) के साथ कला आश्रम फाउण्डेशन के मुख्य प्रबन्धक न्यासी डाॅ. दिनेश खत्री एवं संरक्षक न्यासी डाॅ. सरोज शर्मा उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ आरती व दीप प्रज्जवलन के साथ महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति के साथ किया गया। महाविद्यालय की ओर से सभी अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया।

कार्यक्रम में कला आश्रम काॅलेज ऑफ़ परफोर्मिंस आर्ट्स की निदेशिका डाॅ. सरोज शर्मा द्वारा नृत्य के संमिश्रण को विस्तृत रूप से प्रशिक्षुओं छात्राओं के साथ प्रस्तुत किया। इस सांस्कृतिक संध्या में महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा नृत्यांजली, कलांगन (लोक नृत्य-चरी), कत्थक शिव आराधना के साथ शुद्ध कत्थक की प्रस्तुति, झंकार (लोक नृत्य माइनर फोक), श्रृंगार (मोहे रंगों लाल…), गजल- फैयाज खान साहब द्वारा प्रस्तुति, विरासत (राम स्तुति), गुरू वन्दना की प्रस्तुति, साधना (भवाई नृत्य प्रस्तुति उन्नति नाहर द्वारा), अभिव्यक्ति (मुरशिद) सीनियर ग्रुप द्वारा, उल्लास (सूफी यात्रा गायन मधुरम खत्री द्वारा), इशक (अर्जिया) सीनियर ग्रुप द्वारा, कत्थक व्याकरण सीनियर ग्रुप युक्ति, प्रियांशी, श्रीवृंदा द्वारा, उत्तरार्ध होठों पे ऐसी बात… डाॅ. शिल्पा नाहर द्वारा प्रस्तुति, ताल-तरंग, कत्थक नृत्य, गायन आदि की भव्य प्रस्तुतियां दी गई।

समारोह में कला आश्रम फाउण्डेशन के मुख्य प्रबन्धक न्यासी डाॅ. दिनेश खत्री ने अपने व्याख्यान में अभिव्यक्त किया कि “स्वास्थ्य ही जीवन है, जीवन ही आनन्द है जिसे हम खोजे स्वयं में लय ही नृत्य है जिसकी अनियमित गति हमें जीवन की दौड़ में पीछे छोड़ देती है, यह सन्देश नाद गुंजन-2019 के लय की गति हमारे हृदय में है, नाड़ी में है, रक्त के परिसंचरण में है, स्वास में है और यह समगति जीवन में अलौकिक सौन्दर्य और आनन्द को स्फूरित करती है, जब यह लय और गति यदि अनियमित हो जाए तो सब कुछ अव्यवस्थित हो जाता है, यहीं जीवन की वास्तविकता है, जिसे नृत्य के माध्यम से अनुभव किया जाता है।”

तबले की थाप और घुंघरूओं की झंकार, राग मालकोन्स में सुरों की दुर्गम यात्रा आदि इन एकल एवं युगल प्रस्तुतियों का हर बार नया फ्लेवर कला प्रेमियों के दिलों पर छाप छोड़ गया।

कला आश्रम की उत्कृष्ठ प्रस्तुतियों में शुद्ध कत्थक नृत्य सुश्री हृदया खत्री द्वारा प्रस्तुत किया गया। सुश्री हृदया खत्री द्वारा तराना, उपशास्त्रीय नृत्य, सूफी संगीत कत्थक नृत्य के साथ, कत्थक यात्रा एवं लोक नृत्य की भी प्रस्तुति दी गई। सूफी नृत्य की उत्कृष्ट प्रस्तुति मास्टर मधुरम खत्री द्वारा दी गई।

उपरोक्त सांस्कृतिक कार्यक्रम में 6 अलग-अलग वर्गों में करीबन 61 प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। इसी तरह “गुरू सम्मान” समारोह का आयोजन भी किया गया, जिसमें गुरूजनों का सम्मान किया गया एवं कला आश्रम काॅलेज ऑफ़ परफोर्मिंस आर्ट्स के जिन छात्र-छात्राओं ने राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभाएं दिखाई एवं उच्च स्थान प्राप्त किया, उन सभी छात्र-छात्राओं को “नृत्य श्री सम्मान” एवं “संगीत श्री सम्मान” से सम्मानित किया गया। इस सांस्कृतिक संध्या के अवसर पर काॅलेज के 7 छात्र‘-छात्राओं को “श्रेष्ठ विद्यार्थी सम्मान” (प्रयाग संगीत समिति, इलाहबाद), 3 छात्र-छात्राओं को “श्रेष्ठ विद्यार्थी सम्मान” (भातखण्डे संगीत विद्यापीठ, लखनऊ), नृत्य विशारद की उपाधि प्राप्त करने वाले 11 छात्र-छात्रों को नृत्य विशारद सम्मान-2019, नृत्य प्रभाकर की उपाधि प्राप्त करने वाले 9 छात्र-छात्रों को नृत्य प्रभाकर सम्मान-2019 से सम्मानित किया गया एवं प्रतिक चिन्ह भी भेंट किये गये। राष्ट्रीय संस्कृति अवार्ड-2019, नई दिल्ली के 22 छात्र-छात्राओं को भी उच्च स्थान प्राप्त करने पर सम्मानित किया गया एवं उत्कृष्ट परिणाम एवं उत्कृष्ट प्रस्तुतियों के लिये भी इन्हें पुरस्कृत किया गया एवं स्मृति चिन्ह भेंट किये गये।