कला आश्रम काॅलेज ऑफ़ परफोर्मिंग आर्ट्स, उदयपुर में 21 सितम्बर को ‘विश्व शांति दिवस’ का आयोजन राज्य सरकार द्वारा कोविड संक्रमण के बचाव हेतु जारी कोरोना गाईड लाईन की पालना के साथ किया गया। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य दुनियाभर के देशों के बीच शांति को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर विश्व शांति दिवस को मनाने का महत्व एवं इतिहास के बारे में जानकारियां प्रदान की गई। इस वर्ष के विश्व शांति दिवस की थीम ‘एक न्यायसंगत और सतत् दुनिया के लिए बेहतर पुनप्र्राप्ति करना’ रखी गई। विश्व शांति दिवस मुख्य रूप से सम्पूर्ण पृथ्वी पर शांति और अहिंसा को स्थापित करने के लिए मनाया जाता है।
इस अवसर पर कला आश्रम कॉलेज ऑफ़ परफोर्मिंग आर्ट्स में ‘नृत्य, योगा, ध्यान से शांति’ लाने पर वार्ता व शांति पाठ के साथ नृत्य संगीत का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ कला आश्रम फाउण्डेशन के मुख्य प्रबन्धक न्यासी डाॅ. दिनेश खत्री एवं संरक्षक न्यासी डाॅ. सरोज शर्मा द्वारा नटराज की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर किया गया।
नृत्य, योगा, ध्यान मनुष्य की जीवन क्रिया के अभिन्न अंग हैं। इन क्रियाओं से ना केवल स्वस्थ शरीर और मन की कल्पना की जा सकती है, वरन एक स्वस्थ सुंदर समाज को निर्मित करने में इन क्रियाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। प्रकृति के द्वारा दिया गया यह एक अमूल्य उपहार है, जिसे स्थापित करने, साधना करने, वह पाने के लिए ना कोई धन की आवश्यकता है ना किसी विशेष धर्म की। यह समाज का अमूल्य उपहार है जिसके आधार पर हम जनमानस को एक सूत्र में जोड़कर उन्हें मानसिक स्तर पर ऊपर ले सकते हैं। नृत्य, संगीत, योगा, ध्यान, शांति स्थापित करने के लिए वह आधार है जहां न भाषा की जरूरत है न ही किसी साधन की। यह वह साधन है जिनके माध्यम से भावों की अभिव्यक्ति होती है और मन में छुपे विकारों को दूर कर मन और शरीर आध्यात्म की ओर चलते हैं। शांति स्थापित करने का इससे अच्छा और कोई माध्यम हो ही नहीं सकता। कार्यक्रम में युवा संगीत योग साधक मधुरम खत्री ने कला साधकों के साथ अपने विचार साझा किए। कला आश्रम की बालिकाओं ने कत्थक नृत्य के माध्यम से ध्यान, धारणा और शांति की प्रस्तुतियां दी।