कला आश्रम काॅलेज ऑफ़ परफोर्मिंग आर्ट्स द्वारा बसंत पंचमी के उपलक्ष्य में एक दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ फाउण्डेशन के मुख्य प्रबन्धक न्यासी डाॅ. दिनेश खत्री द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया।

डाॅ. सरोज शर्मा ने बताया कि बसंत पंचमी उत्सव कार्यक्रम की शुरूआत ओमकार वन्दना के साथ प्रारम्भ हुआ। शुद्ध कत्थक नृत्य की श्रृंखला में कला आश्रम की प्रथम वर्ष से षष्ठम वर्ष तक की सभी छात्राओं जिसमें धानी ग्रुप, किरण ग्रुप, अंजली ग्रुप आदि ग्रुप ने शुद्ध कत्थक नृत्य की प्रस्तुतियां दी। सीनियर छात्राओं में मितुला पाण्डे, प्रियंका बजाज ने शुद्ध कत्थक नृत्य की प्रस्तुति दी।

चेयरमेन डाॅ. दिनेश खत्री सरस्वती देवी के प्रादुर्भाव एवं विद्यार्थी के जीवन में इनके महत्त्व पर प्रकाश डाला। डाॅ. खत्री ने कहा कि नृत्य-योग पुरातन काल से ही चली आ रही वह विधा है जो मानव शरीर में चेतना भर देती है। आज नृत्य-योग शैक्षणिक व व्यावसायिक गतिविधियों में शामिल है किन्तु इसकी उपयोगिता को अमेरिका व यूरोप जैसे विकासशील देशों ने समझा और अपनाया है। इस अभिव्यक्ति को सभ्य समाज में उच्च स्थान मिला है और शारीरिक व आध्यात्मिक विकास का महत्त्वपूर्ण आधार ही शास्त्रीय नृत्यों में प्रयोग होने वाले कारणों की प्रस्तुति के लिए नर्तक में नियमितता, एकाग्रता, शान्तमन, दृढ़इच्छा शक्ति की आवश्यकता होती है। इसे नृत्य-योग के अभ्यास से सरलतम किया जा सकता है। नृत्य-योग वे क्रियाए है जिसके सहारे हम शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक विकास कर स्वस्थ शरीर व स्वस्थ समाज की परिकल्पना को साकार कर सकते हैं।

इस कार्यक्रम में सुरज गन्धर्व एवं इन्द्रा कुंवर आदि स्टाफ का सहयोग रहा। अन्त में प्रसाद वितरण के साथ ही बसंत पंचमी उत्सव कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।