कथक गुरू डाॅ. सरोज शर्मा ने बताएं डांस के मंत्र

कोविड गाईड लाईन की पालना करते हुए अन्तर्राष्ट्रीय विश्व नृत्य दिवस 2021 ऑनलाइन माध्यम से मनाया गया। डाॅ. सरोज शर्मा ने देशभर के स्टूडेंट को कथक और नृत्य के कई टिप्स भी इस मौके पर दिए। दिनांक 29.04.2021 को कला आश्रम काॅलेज ऑफ़ परफोर्मिंग आर्ट्स द्वारा ‘‘नृत्य रोग प्रतिरोधक क्षमता का पर्याय जो कोविड-19 के युग में संजीवनी है’’ का आयोजन कोविड गाईडलाइन के अनुसार ऑनलाइन किया गया। इस कार्यक्रम में दिल्ली, जयपुर, कलकत्ता, मुम्बई, गुजरात, राजस्थान आदि अलग-अलग जगहों से ऑनलाइन माध्यम से जुडकर लगभग 81 छात्र-छात्राओं ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियां दी।

डाॅ. शर्मा ने कहा कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य ‘‘नृत्य रोग प्रतिरोधक क्षमता का पर्याय जो कोविड-19 के युग में संजीवनी है’’ था, साथ ही लोगों का ध्यान विश्व स्तर पर इस ओर आकर्षित करना था, जिससे लोगों में नृत्य के प्रति जागरूकता फैले। आयोजन में ऑनलाइन ऑडियो/वीडियो माध्यम द्वारा छात्र-छात्राओं एवं प्रतिभागियों को अंतराष्ट्रीय नृत्य दिवस की जानकारियां प्रदान की गई एवं नृत्य की बारीकियों को समझाया। प्रतिभागियों ने ऑनलाइन माध्यम से अपनी अपनी प्रस्तुतियां भेजी।

कार्यक्रम की शुुरूआत नटराज की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन व पुष्प अर्पित कर हुई। कार्यक्रम में प्रेरक गीत-एक दिन बिक जाए जा.. ऑनलाइन सुनाया गया। उसके बाद गणपति वन्दना- छात्रा आन्या पारिक द्वारा प्रस्तुत की गई। छात्रा प्रियंका बजाज ने आज के दिन की यथार्तता पर चर्चा की। नृत्य के अलग-अलग स्वरूपों पर विचार के साथ छात्रा प्रतिमा हरिगुनानी द्वारा टेप डान्स प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम की इसी श्रृंखला में मास्टर मधुरम खत्री ने लुट गये.. पर मधुर संगीत प्रस्तुत किया। नृत्य जीवन का अभिन्न अंग-नृत्य के बिना जीवन.. पर छात्रा श्लोका अग्रवाल द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यक्रम में नृत्य के साथ विविधता में एकता छात्रा उन्नति नाहर द्वारा, सूफी संगीत के साथ डाॅ. लीना दवे व गौरी दवे, कत्थक का शास्त्रानुसार प्रस्तुति सेमीक्लासिकल सोंग छात्रा अदा जैन द्वारा, तनुरा.. दुबई का फोक डान्स- छात्रा झील नागौरी द्वारा, ठुमरी (थुंगा-थुंगा)- छात्रा युश्मिता श्रीमाली द्वारा, कत्थक की चैपाल पर प्रस्तुति, वो ना हल्के हक…. (धागे तोड़ लाओ चांदनी से नूर के घूंघट ही बना लो रोशनी से नूर के) पर प्रस्तुति, प्रेरक गीत- रूक जाना ना नहीं तू कहीं हार के पर प्रस्तुति, शिव तांडव- छात्रा मितुला पाण्डे द्वारा, जिया तौसे नैना लागे रे नैना लागे रे.. छात्रा मेघा छापरवाल द्वारा, कत्थक नृत्य की प्रस्तुति- छात्रा सौम्या द्वारा, विष्णु वन्दना- किरण द्वारा दी गई।

रिफाॅर्मी जाॅर्ज की याद में मनाते है वर्ल्ड डांस डेः

अंतरराष्ट्रीय विश्व नृत्य दिवस महान रिफाॅर्मर जीन जाॅर्ज नावेरे के जन्म की स्मृति में मनाया जाता है। डाॅ. सरोज शर्मा ने बताया कि डांस डे की शुुरूआत 29 अप्रेल 1982 से हुई। इसी दिन यूनेस्को के अंतराष्ट्रीय थिएटर इंस्टिट्यूट की अंतरराष्ट्रीय डान्स कमेटी ने 29 अप्रेल को नृत्य दिवस में रूप में स्थापित किया।