कला आश्रम फाउण्डेशन के तत्वावधान में कला आश्रम नृत्य-योग ग्राम की स्थापना व शिलान्यास समारोह गोगुन्दा स्थित परिसर में सोमवार, दिनांक 29.01.2018, माघ शुक्ल पक्ष त्रयोदशी, विक्रम संवत 2014 को किया गया। श्री अरूण कुमार (माननीय सचिव, प्रयाग संगीत समिति, इलाहाबाद), कला आश्रम फाउण्डेशन, उदयपुर के मुख्य प्रबन्धक न्यासी डाॅ. दिनेश खत्री एवं कला आश्रम नृत्य-योग ग्राम, गोगुन्दा की निदेशक डाॅ. सरोज शर्मा द्वारा शिलान्यास समारोह किया गया।
गोगुन्दा की ऐतिहासिक, पावन और हरियाली से आच्छादित और प्रदूषण रहित धरा पर शुरू होने जा रहे कला आश्रम नृत्य-योग ग्राम देश का दूसरा एवं राजस्थान का पहला ऐसा अनूठा नृत्य-योग ग्राम होगा, जहां पर भारतीय संस्कृति में गुरू-शिष्य परम्परा के अन्तर्गत भारतीय व विदेशियों को संगीत, कला व नृत्य-योग की शिक्षा दी जाएगी। गुरू-शिष्य परम्परा के माध्यम से आध्यात्मिकता का ज्ञान नई पीढ़ियों तक पहुंचाने का यह एक सोपान है, क्योंकि भारतीय संस्कृति में गुरू का स्थान सर्वोपरि माना गया है। प्राचीन सनातन धर्म से चली आ रही उपरोक्त ज्ञान परम्परा को कला आश्रम नृत्य-योग ग्राम के द्वारा अंगीकृत करके नवीन पीढ़ी को उत्तरोतर सम्वर्धन करने हेतु कटिबद्ध है। उपरोक्त उद्देश्यों और मूल्यों को कला आश्रम नृत्य-योग ग्राम में सर्वोपरि स्थान दिया जाएगा।
कला आश्रम नृत्य-योग ग्राम, गोगुन्दा की निदेशक डाॅ. सरोज शर्मा द्वारा शास्त्रीय नृत्य का पौधारोपण 30 वर्षो पूर्व किया गया था, जो आज वटवृक्ष के रूप में समाज को नृत्य, संगीत, योग एवं आध्यात्मिकता का अनुभव कराने का यह सपना नृत्य-योग ग्राम के रूप में साकार होने जा रहा है।
शिलान्यास के मौके पर डाॅ. दिनेश खत्री ने बताया कि जिस तरह से गोगुन्दा क्षेत्र महाराणा प्रताप के शौर्य के लिए जाना जाता है उसी क्रम में कला आश्रम नृत्य-योग ग्राम भी सुशोभित होगा और यहां पर नृत्य-योग, संगीत, दर्शन एवं आध्यात्मिक के साथ नृत्य के विभिन्न पक्षों को सीख कर एक सफल नृत्य-निर्देशक, नृतक, नृत्य साहित्यकार, नृत्य आलोचक, नृत्य साधक एवं नृत्य प्रदर्शनधर्मी कलाओं में निपूर्ण होकर देश-विदेश की नृत्य विधाओं को सीखकर एक सफल साधक बनाने का लक्ष्य है और उन्हीं बालिकाओं को यहां पर प्रवेश मिलेगा, जिनका जीने का पहला उद्देश्य केवल नृत्य-संगीत-योग की साधना होगा, वे ही एक सफल नृत्य-योग के रूप में पहचाने जाएंगे। हर माह की पूर्णिमा की रात इस नृत्य-योग ग्राम में बड़े-बड़े कलाकारों द्वारा प्रदर्शन किया जाएगा और प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली नृत्यांगनाएं अपनी प्रस्तुति परम प्रभु परमेश्वर को समर्पित करेंगी। यहीं नहीं विदेशों से भी बेले नृतक आकर यहां प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली नृत्यांगनाओं को प्रशिक्षण देंगे और इसी क्रम में अन्य विधाएं भी निरन्तर रूप से इस पाठ्यक्रम का हिस्सा रहेंगी। नृत्य-योग ग्राम में शीघ्र ही योगा पार्क, रंगमंच, पारम्परिक आवासीय झोंपड़ियां, आधुनिक टेन्ट हाऊस, नृत्य-ऑडिटोरियम और जगह-जगह पर प्राकृतिक चैपालें बनायी जाएगी, जहां साधक अपनी साधना करेंगे।
कला आश्रम नृत्य-योग ग्राम में आठ घण्टें का प्रशिक्षण पूर्णतया गुरू-शिष्य परम्परा पर आधारित होगा। नृत्य शास्त्र के साथ मानव रचना विज्ञान एवं क्रिया विज्ञान का भी अध्ययन कराते हुए योगा एवं नृत्य के माध्यम से प्रशिक्षणार्थियों का शिक्षण और विकास किया जाएगा। नृत्य-योग ग्राम में प्रशिक्षणार्थियों को आयुर्वेद के सिद्धान्त पर आधारित आहार और पोषण भी प्रदान किया जाएगा, साथ ही हर वर्ष में एक माह का पंचकर्म चिकित्सा भी प्रदान किया जाएगा। जिससे कलाकार में नवीनता और परिपक्वता आ सके एवं व स्वस्थ एवं सुन्दर रहे।
नृत्य-योग ग्राम उन सभी के लिये खुला है जो नृत्य एवं योग का अद्भूत अनुभव एवं समागम करते हुए अपने शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक बल को तीव्रता प्रदान करना चाहते है। नृत्य एवं योग के इस अद्भूत संगम से व्यक्ति शारीरिक रूप से मजबूत होकर अपनी शक्ति एवं समन्वय और संतुलन पर ध्यान केन्द्रित कर अपने व्यक्तित्व का पूर्ण विकास करेगा। नृत्य और योग थैरेपी को आत्मविश्वास, सामाजिक और संचार कौशल को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्वयं सम्मान में सुधार और व्यक्तियों में सभी आत्मीयताओं के लिए जाना जाता है। इससे व्यक्ति में उपलब्धी की भावना बनती है एवं व्यक्ति नैतिक और सामाजिक कार्यों के लिये प्रोत्साहित होता है। नृत्य एवं योग थैरेपी आत्मविश्वास और आत्मसम्मान को बढ़ावा देने के लिये एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करके उत्साहवर्धक वातावरण बनाये रखने में सहायता करता है। उपरोक्त नृत्य-योग ग्राम में नृत्य एवं योग का प्रयोग वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में भी किया जायेगा, जहां नृत्य-योग क्रिया विधि से मधुमेह, तनाव, अनिद्रा और मोटापे जैसी बीमारियों से लड़ने की क्षमता का विकास किया जाएगा। नृत्य-योग क्रियाओं के माध्यम से स्वस्थ शरीर एवं स्वस्थ समाज परिकल्पना को साकार किया जायेगा। इससे हमारे देश की भारतीय संस्कृति भी पुनः उभर कर सामने आयेगी।
शिलान्यास समारोह में कला आश्रम काॅलेज ऑफ़ परफोर्मिंग आर्ट्स की छात्राओं द्वारा विशुद्ध शास्त्रीय कत्थक नृत्यों की प्रस्तुतियां भी दी गई। प्रस्तुति देने वालों में मधुरम खत्री, श्रेया चैबीसा, मितुला, शुभांशी, भूमि कोठारी, झील नागौरी थे, साथ ही कला आश्रम आयुर्वेद मेडिकल काॅलेज की छात्राओं द्वारा भी उपशास्त्रीय नृत्य का प्रदर्शन कर समारोह का गौरव बढ़ाया।